क्या निसंतान ता के लिए महिलाओं के साथ साथ क्या पुरुषों का भी योगदान होता है?

निसंतान ता के लिए महिलाओं के साथ साथ क्या पुरुषों का भी योगदान होता है यह सिर्फ महिलाएं ही इनफर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार होती हैं

जी हां बिल्कुल पुरुष भी निः संतानता के लिए उतने ही भागीदार होते हैं जितनी कि महिलाएं l हमारे समाज में पुराने समय से ही यह धारणा बनी हुई है और आज भी इस चीज को कई लोग यह मानते हैं कि निसंतान ता के लिए महिलाएं अधिक जिम्मेदार होती हैं जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है क्योंकि निसंतान ता के लिए पुरुष भी उतने ही भागीदार होते हैं जितनी की महिलाएं l

निसंतान था विशेषज्ञों का मत है कि निसंतान ताया बांझपन के लिए महिला या पुरुष दोनों बराबरी के जिम्मेदार होते हैं 40% महिलाओं को निसंतान ताकि समस्या होती है और 40% ही पुरुषों को निसंतान ताकि समस्या होती है महिलाओं में होने वाली बांझपन की समस्या के लिए कई सारे फैक्टर जिम्मेदार होते हैं जिनमें से सबसे बड़ी समस्या होती है ट्यूबल ब्लॉकेज (Tubal Blockage) की क्योंकि ट्यूबल ब्लॉकेज एक ऐसे गंभीर और बड़ी समस्या है जो महिलाओं में बांझपन का कारण बनती है इसके अतिरिक्त भी अन्य समस्याएं हैं जैसे कि पीसीओडी (PCOD) पीसीओएस (PCOS) वाइट डिस्चार्ज अर्थात सफेद पानी आने की समस्या हाइड्रोसील प्रिंस की समस्या एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis Treatment)की समस्या गर्भाशय में गांठ या रसौली जिसे आम भाषा में चॉकलेट सिस्ट कहते हैं पीरियड की समस्या कई बार यह भी देखने को मिलता है कि यदि महिलाओं को शॉट अर्थात 21 दिन से कम के पीरियड होते हैं या फिर लोंग पीरियड यानी कि 28 दिन के ऊपर जो पीरियड होते हैं उनको लोंग पीरियड कहते हैं इसके कारण भी महिलाओं को निसंतान ताकि समस्या होती है महिलाओं में उपरोक्त दिए गए निसंतान ताके कारणों के अलावा लोहे इमेज थायराइड ओवेरियन कैंसर यूट्रस में टीवी मोटापा असंतुलित भजन और सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज जैसी कई सारी समस्याएं निसंतान ता को जन्म देती हैं आज की जीवन शैली व खान-पान के कारण भी महिलाओं में बांझपन देखने को मिलता है बढ़ते धूम्रपान प्रदूषण वह लंबे समय तक ऑफिस में एक जगह बैठ कर काम करने की वजह से भी महिला व पुरुष दोनों में फर्टिलिटी कम होने की वजह से भी निसंतान था जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है l

अब वही पुरुषों में देखें तो इनमें भी कई सारे पुरुष बांझपन के लक्षण व कारण होते हैं जैसे पुरुषों में निल शुक्राणु है एजु स्पर्मिया टैरो स्पर्मिया व शुक्राणुओं की संख्या में कमी शुक्राणुओं का ना बनना शुक्राणु के आकार हुआ शुक्राणुओं की गति में विकार के कारण भी कई सारे दोष उत्पन्न होते हैं जिसके कारण पुरुष बांझपन की समस्या होती है महिलाओं की तरह पुरुषों में भी जीवन शैली हुआ डाइट तथा धूम्रपान जैसी बुरी आदतें शामिल है जो कि एक पुरुष को बांझपन जैसी समस्याएं देती हैं पुरूषों में बांझपन के कई और भी कारण हैं जैसे कि फिजिकल एक्टिविटी करना हो ना अधिक मोटापा होना और तनाव  भी  बांझपन का एक प्रमुख कारण माना जाता है l

भारत तथा बाहर देशों में इनफर्टिलिटी को लेकर हुए बहुत सारे शोध वह सर्वे दर्शाते हैं कि वर्ष 2020 से 2022 के बीच महिला वह पुरुष दोनों की फर्टिलिटी रेट में बहुत ज्यादा गिरावट देखने को मिली है यह गिरावट हर वर्ष कम होती चली जा रही है यदि हम आज से 10 वर्ष के पूर्व के फर्टिलिटी आंकड़ों पर नजर डालें तो उस समय की फर्टिलिटी रेट आज के समय से बहुत अच्छी थी अर्थात हम इसको इस प्रकार से समझने की कोशिश करें कि एक कपल अर्थात महिला व पुरुष दोनों मिलकर 4 से 5 बच्चे पैदा करने की क्षमता रखते थे परंतु वर्तमान समय में ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है क्योंकि आज की जो फर्टिलिटी रेट है वह गिरकर 2.159 births per woman है जोकि पिछले वर्षों की तुलना में बहुत कम है l  इसी तरह से फर्टिलिटी रेट में गिरावट दर्ज होती रही तो आने वाले समय में बांझपन एक गंभीर समस्या के रूप में उभर कर सामने आएगी l ऐसे में फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ रुचि भारद्वाज (Dr Ruchi Bhardwaj) जोकि पिछले 10 वर्षों से अधिक समय से एक्टिव आयुलाइफ (Active Ayu Life) में निसंतानता जैसी समस्याओं को आयुर्वेदिक उपचार व लाइफस्टाइल तथा डाइट जैसी प्रोसीजर को फॉलो कर महिलाओं को बचपन बांझपन से छुटकारा दिला रही हैं का कहना है कि महिला व पुरुष दोनों की फर्टिलिटी को अच्छा बनाने के लिए योग डाइट व फिजिकल एक्टिविटी की मदद लेनी चाहिए तथा धूम्रपान जंग फूड व अल्कोहल जैसी बुरी आदतों को त्यागना चाहिए तभी आप वर्तमान समय में आसानी के साथ मातृत्व व पितृत्व सुख का आनंद ले सकेंगे l

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